खाना पकाने के फायदे और नुकशान जानते है डॉ सुमित्राजी से - भाग ३ | RAGADA 3.0
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Sunday, 22 June

खाना पकाने के फायदे और नुकशान जानते है डॉ सुमित्राजी से - भाग ३

खाना पकाने के फायदे और नुकशान जानते है डॉ सुमित्राजी से - भाग ३
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खाना पकाने के फायदे और नुकशान जानते है डॉ सुमित्राजी से - भाग ३ 

डॉ सुमित्रा अग्रवाल
यूट्यूब आर्टिफीसियल ऑय को (११ करोड़ विएवेर्स )

क्या खाना बनाने की प्रक्रिया में सब जीवाणु , कीटाणु मर जाते है ?
क्यों शाकाहारी बच्चों में भी सिस्टीसर्कोसिस बढ़ता चला जा रहा है ?
क्या टेप वर्म के अंडे से होने वाले इन्फेक्शन का साकार रूप जीवन में कभी भी सामने आ सकता है ?
क्यों हम हाथ धो कर खाना खाने बोलते है ?

आज का फ़ास्ट गतिशील मानव कई परम्पराओ से दूर होता जा रहा है , साबुन से हाथ धोकर खाने के बजाये लोग पेपर नैपकिन से हाथ पोछकर या गीले तोलिये से हाथ पोछकर खाना खाना पसंद करते है। कई लोग टॉयलेट में भी टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करते है और वेट वाइप्स का भी , हाथ धोना नहीं चाहते। अब बात करे छोटे बच्चों की तो ये कई बार हाथ धोकर खाना खाना नहीं चाहते या हाथ धोते भी है तो सफाई से नहीं धोते , टॉयलेट जा कर आने के बाद भी अच्छे से साबुन मल मलकर हाथ नहीं धोते है। परिणाम स्वरुप अन्य कई प्रकार के इन्फेक्शन को तो ये दावत देते ही है परन्तु आज चर्चा करेंगे की ये सिस्टीसर्कोसिस को भी दावत दे देते है। 

सिस्टीसर्कोसिस क्या है ?
सिस्टीसर्कोसिस परजीवी टीनिया सोलियम अर्थात टेप वर्म के लार्वा के कारण होने वाला एक संक्रमण है। यह संक्रमण तब होता है जब कोई व्यक्ति टेपवर्म के अंडे निगलता है। लार्वा मांसपेशियों और मस्तिष्क जैसे ऊतकों में घुस जाते हैं और वहां सिस्ट बना लेते हैं। जब मस्तिष्क में सिस्ट पाए जाते हैं, तो स्थिति को न्यूरोसिस्टिकसर्कोसिस कहा जाता है। आम तोर पर ठीक से नहीं पके हुए संक्रमित मांश से ये होता है, जीन लोगो के पेट में किरमि है वो लोग अगर साफ सफाई न रखे तो उनके संक्रमित होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। बच्चों में जिनके किरमि की समस्या होती है उन्हें एक अजीब सी बेचैनी और खुजली होते है मॉल द्वार पर , ये अक्सर उस जगह को खुजाते नजर आएंगे और किरमियो के अंडे इनकी नाखुनो में आ जाते है और फिर सही प्रकार से हाथ बिना धोये ये खाना चम्मच के बजाय हाथ से खाते है और ये अंडे आसानी से शरीर के अंदर चले जाते है। एक रोचक बात ये है की ये सिस्ट तुरंत अपना काम सुरु कर देते है परन्तु जीवन में कभी भी किसी भी आयु में जा कर ये सिस्टीसर्कोसिस का रूप ले लेते है और आपको कारण उस समय समझ में नहीं आता है। 
तो समझने वाली बात ये है की टेपवर्म के अंडे भोजन, पानी या मल से दूषित सतहों से फैलते हैं। दूषित भोजन खाने या मुंह में दूषित अंगुलियां डालने पर मनुष्य अंडे को निगल जाते हैं। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि टेपवर्म से पीड़ित कोई भी व्यक्ति टेपवर्म के अंडों से खुद को संक्रमित कर सकता है (इसे स्वसंक्रमण कहा जाता है), और परिवार में दूसरों को संक्रमित कर सकता है।
सिस्टीसर्कोसिस के लक्षण क्या हैं?
सिस्ट मास, आंख , मस्तिष्क में हो सकता है। 
मांसपेशियों में सिस्टआ आमतौर पर लक्षण पैदा नहीं करते हैं। हालाँकि, त्वचा के नीचे गांठ महसूस कर सकते हैं। गांठें कभी-कभी कोमल हो जाती हैं।
आंखों में सिस्ट तैर सकते हैं और धुंधली दृष्टि का कारण बन सकते हैं। आंखों में संक्रमण के कारण रेटिना में सूजन हो सकती है।
मस्तिष्क के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि मस्तिष्क में कहां और कितने सिस्ट पाए जाते हैं। दौरे और सिरदर्द सबसे आम लक्षण हैं। हालाँकि, भ्रम होना , लोगों और परिवेश पर ध्यान न देना, संतुलन में कठिनाई, हाइड्रोसिफ़लस अर्थात मस्तिष्क के चारों ओर अतिरिक्त तरल पदार्थ का होना । इस से मौत हो सकती है।

मन में एक प्रश्न आ रहा होगा लक्षणों के शुरू होने से पहले कब तक संक्रमित रहा जा सकता है ?
लक्षण संक्रमण के महीनों से वर्षों बाद हो सकते हैं, आमतौर पर जब सिस्ट मरने लगते हैं या मर जाते हैं, तो सिस्ट के आसपास का हिस्सा सूज जाता हैं। सूजन का दबाव आमतौर पर संक्रमण के लक्षणों का कारण बनता है। कभी-कभी छोटी जगह में सिस्ट के दबाव के कारण लक्षण उत्पन्न होते हैं।

सिस्टीसर्कोसिस का निदान कैसे किया जाता है?
रक्त परीक्षण और/या इमेजिंग अध्ययन की आवश्यकता हो सकती है। ब्रेन में हो रहे किस्त के लिए एम् आर आई या सी टी ब्रेन स्कैन किया जाता है। किसी संक्रमण के निदान में सहायता के लिए रक्त परीक्षण उपलब्ध हैं, लेकिन हमेशा सटीक नहीं हो सकते हैं। जरुरत पड़ने पर सर्जरी करनी पड़ती है।

सिस्टीसर्कोसिस और अन्य संक्रमणों को कैसे रोके ?
खाने से पहले सभी कच्ची सब्जियों और फलों को धोकर छील लें। शौचालय का उपयोग करने, डायपर बदलने के बाद अच्छे से हाथ धोये और भोजन करने से पहले अपने हाथों को साबुन और गर्म पानी से धोएं। संक्रमण से बचने के लिए बच्चों को हाथ धोने का महत्व समझाए और ठीक से हाथ धोना सिखाएं।  
 यात्रा करते समय अच्छी भोजन और जल सुरक्षा प्रथाओं का उपयोग करें ।  
डिब्बे या बोतलों में केवल बोतलबंद या उबला हुआ पानी या कार्बोनेटेड पेय पिएं।
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RAGADA 3.0: खाना पकाने के फायदे और नुकशान जानते है डॉ सुमित्राजी से - भाग ३
खाना पकाने के फायदे और नुकशान जानते है डॉ सुमित्राजी से - भाग ३
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