यहां बता दें कि एसडीएम बिसौली विजय कुमार मिश्र के नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक ट्रक मालिक कह रहा है कि एसडीएम बिसौली ने मुझसे सीधे पैसे लिए हैं। इस पूंछने वाले ने पूंछा है कि एसडीएम बिसौली ने तब वह कहता है कि हां एसडीएम बिसौली वह एसडीएम पर कई अन्य आरोप भी लगाता है। इसके साथ ही एक व्हाट्सएप चैट भी है जिसमें कुछ ट्रकों के नंबर लिखे हुए हैं। जिनमें सात ट्रक नंबर के सामने अमित पंडित लिखा है
जबकि चार नंबरों के सामने मकसूद बाजपुर, 11 नंबरों के सामने शिवकुमार बाजपुर लिखा है एवं तीन नंबरों के सामने लोकेश लिखा हुआ है। यह नंबर हस्त लिखित है। इसमें यह चैट किसी के द्वारा एसडीएम बिसौली को भेजा गया है। लेकिन एसडीएम बिसौली ने यह चैट नहीं भेजा है। चैट किस मकसद से और क्यों भेजा गया है इस बारे में कुछ भी लिखा हुआ नहीं है। इसमें एसडीएम की ओर से इस चैट में कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
इस बारे में बात करने पर एसडीएम विजय कुमार मिश्र ने बताया कि मैंने एसडीएम सहसवान रहते हुए कई खनन माफियाओं के खिलाफ कडी कारवाई की थी। जिसमें कई लाख रू का राजस्व भी राज्य सरकार के खाते में जमा हुआ है। इन खनन माफियाओं की गाडियां ही बिसौली होकर निकलती हैं। जब खनन की जानकारी मिली तब एसडीएम मिश्र ने यहां भी खनन माफिया पर कारवाई शुरू कर दी है। इससे खनन माफिया में हडकंप मचा हुआ है।
इसी के साथ तीन दिन पहले एसडीएम मिश्र जब सहसवान से वापस लौट रहे थे तब ग्राम राजबरौलिया पर एक ट्रक को भी पकडकर थाना उघैती पुलिस को सौंपा था जो चकमा देकर भाग गया था। तब एसडीएम ने डीएम व एसपी को पत्र लिखा था जिसके बाद ट्रक पुलिस द्वारा वापस हिरासत में लेने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है। अब बात करते हैं वायरल चैट की तब उसमें देखने पर स्पष्ट होता है कि चैट के अंतर्गत किसी ने एसडीएम बिसौली लिखे हुए एक व्हाट्सएप पर ट्रकों के नंबर लिखी एक पर्ची भेजी है।
यहां यह भी तय नहीं हो पार रहा है कि चैट एसडीएम को ही भेजी गई है या फिर किसी अन्य नंबर को एसडीएम बिसौली के नाम से फीड करके उस पर भेजी गई है। एसडीएम मिश्र का कहना है कि हो सकता है कि किसी ने चैट भेजी हो लेकिन मुझे ऐसी किसी चैट की कोई जानकारी नहीं है। मैंने किसी को कोई चैट नहीं भेजी है। केवल फंसाने की साजिश है।
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